प्रयागराज ।
डॉ.संजय कुमार , सहायक क्षेत्रीय निदेशक, इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, वाराणसी ने दीप जलाकर परिचय समारोह का शुभारम्भ किया एवं इग्नू के नवप्रवेशित छात्रों को सम्बोधित किया। डॉ. संजय , ने बताया कि इग्नू की स्थापना भारत में दूर शिक्षा को प्रोत्साहित करने, आयु, क्षेत्र, धर्म और लिंग पर विचार किये बिना शिक्षा पाने के आतुर लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराने के उद्देश्य से की गयी। इग्नू सन् 1999 कामनवेल्थ आफ लर्निंग द्वारा दूर शिक्षा सामग्री के लिये उत्कृष्ठता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. संजय, ने बताया कि इग्नू के माध्यम से दूर-दराज के गांँवों में रह रहे नवयुवको को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर अपने कौशल का विकास करने का एक सुनहरा अवसर मिला है और महिलाएं अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग एवं नौकरी पेशा लोग जो किन्ही कारणों से अपनी शिक्षा को पूर्ण नहीं कर पाये हैं उनको इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। सहायक क्षेत्रीय निदेशक ने यह भी बताया कि उच्च शिक्षा जन मानस को उपलब्ध कराने हेतु इन्दिरा गॉंधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) विगत 33 वर्षो से प्रयासरत है।
इग्नू के समस्त छात्र सहयोग सेवाओं हेतु इग्नू ने आधुनिकतम तकनीकों का प्रयोग कर सेवाओं को सर्व सुलभ बनाया है । जहाँ ई-ज्ञानकोश एवं ई-कन्टेन्ट से छात्र अपनी अध्ययन सामग्री ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं वहीं ऑनलाइन एवं ज्ञानदर्शन टी0वी0 चैनल के माध्यम से काउंसेलिंग कक्षाओं में घर बैठे भागीदारी कर सकते हैं । यह विश्वविद्यालय के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज इग्नू भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी रह रहे लोगों की शैक्षिक आकांक्षाओं की पूर्ति करने हेतु सक्षम हो सका है । इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, वाराणसी के अन्तर्गत पूर्वाचल के 19 जनपद सम्मिलित हैं। विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन सुनिश्चित करने हेतु परामर्श कक्षाओं का संचालन करने के साथ-साथ उन्हें रोजगार प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रकार की सहायता मुख्यालय एवं क्षेत्रीय केन्द्र स्तर पर प्रदान करता है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्लेसमेंट सर्विसेज नामक एक लिंक है जिसपर अगर इग्नू का विद्यार्थी अपना बायोडाटा प्रेषित करता है तो विश्वविद्यालय उसे उसकी योग्यतानुसार रोजगार दिलाने का प्रयास करता है। इसी क्रम में क्षेत्रीय केन्द्र, वाराणसी अपने अध्ययन केन्द्र के माध्यम से भी विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में अपने विद्यार्थियों को रोजगार दिलाने का प्रयास करता है। डॉ. संजय , ने यह भी बताया कि इग्नू के पाठ्यक्रम रोजगार परक है एवं विद्यार्थियों के कौशल का विकास करने में सहायक है और यह सभी पाठ्यक्रम भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के सभी सदस्य संस्थानों द्वारा मान्यता प्राप्त है और सभी भारतीय विश्वविद्यालयों/मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों, संस्थानों की उपाधियों/डिप्लोमा/ प्रमाण पत्रों के समतुल्य है।
डॉ संजय ने बताया कि इग्नू अध्ययन केन्द्र-2777P पर चल रहे पाठ्यक्रम बी सी ए (BCA) एम सी ए (MCA) सी आई टी (CIT) से पाठ्यक्रम को पूरा करके बहुत से छात्रों को मल्टीनेशनल कंपनियों जॉब मिली है साथ ही साथ छात्र सकरी संस्थानों में भी नौकरी प्राप्त कर सकते है
डॉ संजय, ने परिचय सभा के दौरान यह भी बताया कि इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की महत्वपूर्ण विशेषता इसकी लचीले प्रवेश नियम, अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार, कार्यक्रमों के मॉड्यूलर उपागम एवं आधुनिक शिक्षा पद्धति के द्वारा शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान समय में इग्नू द्वारा 226 पाठ्यक्रमो का संचालन किया जा रहा है जिसमें न्यूनतम एवं अधिकतम अवधि निर्धारित है। जून और दिसम्बर माह में सत्रांत परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार किया जाता है साथ ही यह भी बताया कि सत्रांत परीक्षा में बैठने से पूर्व निश्चित समयावधि के भीतर विद्यार्थियों को अपने सत्रीय कार्य को अपने अध्ययन केन्द्र पर जमा करना अनिवार्य होता है।
परिचय समारोह में छात्रों को सलाहकार कक्षाओं, सत्रीय कार्य, सत्रांत परीक्षा के अलावा माध्यम परिवर्तन, नाम में सुधार, पता में सुधार आदि के विषय में विस्तार से बताया गया ।
इस मौके पर इग्नू अध्ययन केन्द्र, 2777P (मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान MNNIT ) के समन्वयक प्रोफेसर ए के सिंह ने परामर्श कक्षाओं के बारे में नवप्रवेशी छात्रों को अवगत कराया और छात्रों का हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्धता जतायी । कार्यक्रम में अध्ययन केन्द्र के अंशकालिक कर्मचारियों, इग्नू के एकेडमिक काउन्सलर एवं नव प्रवेशित छात्रों सहित लगभग लोगों ने भाग लिया